भारत भवन भोपाल में हुआ महेश्वर तीर्थ, डॉक्यूमेंट्री फिल्म के पोस्टर और ट्रेलर का अनावरण
मध्यप्रदेश की जीवन रेखा और आध्यात्म की धारा मां नर्मदा के तट पर बसा महेश्वर भारतीय ज्ञान परंपरा, मंदिर स्थापत्य और तपस्थली के रूप में अपना भव्य इतिहास संजोए हुए है।
यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म महेश्वर के इसी धार्मिक, आध्यात्मिक , और पौराणिक महत्व को प्रस्तुत करने वाली गाथा है । इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को महेश्वर तीर्थ नाम दिया गया है, क्योंकि एक ओर इस फिल्म में महेश्वर नगरी में भगवान शिव के पावन तीर्थ का इतिहास है वहीं नर्मदा परिक्रमा के विषय में अदभुत जानकारी भी दी गई है, एक ओर इसमें प्राचीन मंदिरों की पौराणिक कथाएं हैं वहीं दूसरी ओर निमाड़ की आध्यात्मिक परंपरा का सुंदर चित्रण भी किया गया है।
यह फिल्म महेश्वर में स्थित ज्वालेश्वर मंदिर, स्वाहा देवी, शबरी के गुरु मातंग ऋषि के मंदिर मातंगेश्वर धाम जैसे अनेक मंदिरों के इतिहास पर प्रकाश डालती है वहीं इसमें सहस्त्रार्जुन मंदिर (राजराजेश्वर मंदिर ) और मां नर्मदा के सहस्त्रधारा की कथा भी प्रस्तुत की गई गई है।
महेश्वर में ही सनातन धर्म और भारतीय ज्ञान परंपरा के उद्घोषक आदि गुरु शंकराचार्य ने मंडन मिश्र के साथ शास्त्रार्थ किया था, इस तरह इस नगरी की चिंतन और ज्ञान परंपरा तथा शास्त्रार्थ आदि पर भी इस फिल्म में अत्यंत प्रभावी रूप से जानकारी दी गई है।
यह फिल्म साधारण दर्शक को महेश्वर नगरी के उस प्रत्येक पहलू की जानकारी देती है जिसके कारण देवी अहिल्या बाई ने इस स्थल को अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया था।
महेश्वर, देवी अहिल्या बाई द्वारा किए गए मंदिर जीर्णोद्धार के कार्य का जीवंत उदाहरण है जिसे इस फिल्म के माध्यम से बखूबी देखा जा सकता है।
यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म रोज़हब टीवी द्वारा श्री सप्तमातृका नार्मदीय वेद सेवा मठ महेश्वर के सहयोग से निर्मित की गई है जिसके माध्यम से हमारे तीर्थ स्थलों के प्राचीन इतिहास और उनसे जुड़ी पौराणिक कथाओं को जन साधारण तक पहुंचाने का अभिनव प्रयास किया गया है।
21 अक्टूबर को भारत भवन भोपाल में आर्ष विद्या मंदिर के अध्यक्ष स्वामी श्री परमात्मानंद जी, श्री सप्तमातृका नार्मदीय वेद सेवा मठ के स्वामी श्री समानन्द गिरी और आशुतोष भारती, चिन्मय मिशन पुणे की ब्रहमचरिणी मैत्रयी चैतन्य और आचर्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के स्वामी श्री वेदतत्वानंद जी के द्वारा महेश्वर तीर्थ फिल्म के पोस्टर का और ट्रेलर विमोचन किया गया । संतों ने इस पहल और इस कार्य में लगे कलाकारों की प्रशंसा की और इसे धार्मिक ऐतिहासिक तथ्यों के प्रचार प्रसार के प्रबल माध्यम के रूप में प्रयोग करने की बात कही।